ग्वालियर (राष्ट्र आजकल ) : मध्य प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की के लिए ग्वालियर प्रदेश की राजनीति का रण क्षेत्र बन गया है।महासदस्यता अभियान के बहाने भाजपा ने शनिवार से ग्वालियर-चंबल अंचल में उपचुनाव की अनौपचारिक शुरुआत की तो वहीं कांग्रेस ने रणनीति के तहत सिंधिया को निशाने पर लेना शुरू कर दिया हे ।
सदस्यता अभियान के पहले दिन शनिवार को कांग्रेस ने शहर में बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेसी हाथों में तख्तियां लेकर निकले, उन पर लिखा था ‘टाइगर नहीं गद्दार है’।राजनीतिक जानकार बताते हैं कि सिंधिया का ऐसा विरोध शहर में पहली बार हुआ है।
शनिवार को सड़कों पर उतरे अचानक बड़ी संख्या में कांग्रेसियों को देखकर लगता है कि उपचुनाव में अंचल के 14 विधायकों को जिताना सिंधिया के लिए इतना आसान नहीं होगा।
कमल नाथ सरकार गिराने के बाद पहली बार ग्वालियर आए राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर भाजपा की योजना है कि उन्हें ग्वालियर-चंबल अंचल में चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा जाए।भाजपा की रणनीति को भांपकर कांग्रेस ने सिंधिया को ही निशाने पर ले लिया।शनिवार को विरोध प्रदर्शन के बाद पार्टी ने रविवार को सिंधिया के धुर विरोधी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को ग्वालियर भेजा। यहां दिग्विजय सिंह ने न सिर्फ सिंधिया के एक दिन पहले दिए गए भाषण का काउंटर किया बल्कि उनके खिलाफ वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि पर पार्टी के धरने में हिस्सा लिया। उन्होंने सिंधिया के पुराने वीडियो दिखाते हुआ कहा-कांग्रेस ने सिंधिया को क्या कुछ नहीं दिया।
ग्वालियर में सिंधिया का विरोध देख भाजपा के रणनीतिकारों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आईं। यही वजह रही कि सिंधिया को गद्दार कहे जाने पर खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछा कि सिद्धांतों के लिए पार्टी छोड़ना गद्दारी है तो क्या मोतीलाल नेहरू, शरद पवार, बीजू पटनायक, ममता बनर्जी, मोरारजी देसाई भी गद्दार थे। शिवराज कांग्रेस शासनकाल में भ्रष्टाचार और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अनदेखी को अपने भाषणों में प्रमुखता से उठा रहे हैं।