राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । पिछले कुछ वर्षों में डायबिटीज, हृदय रोग और कई तरह के मानसिक विकारों के मामले तेजी से बढ़ते हुए नजर आ रही हैं । आहार में गड़बड़ी के साथ नींद में कमी या नींद के पैटर्न में बदलाव को इसके लिए प्रमुख कारणों के तौर पर देखा जा रहा है। जिन लोगों की नींद पूरी नहीं हो पाती है या फिर जिनका सोने-जागने का चक्र गड़बड़ रहता है ऐसे लोगों में समय के साथ कई प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का खतरा हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि यदि आपमें अनियमित नींद का पैटर्न लंबे समय से जारी है और आप नींद पूरी नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे लोगों में क्रोनिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम काफी बढ़ जाता है। नींद की बीमारी वाले लोगों में वजन बढ़ने का खतरा सबसे अधिक होता है जिसके कारण समय के साथ डायबिटीज और हृदय रोग भी विकसित हो सकता है। कुछ अध्ययन इस बात की तरफ भी संकेत करते हैं कि ऐसे लोगों में मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी विकसित हो सकती हैं। अक्सर देखने को मिलता है कि जिन लोगों की रोजाना नींद ठीक से पूरी नहीं हो पाती है वह वींकेड पर पूरे दिन सोकर इसे पूरा करने की कोशिश करते हैं। पर ऐसा करके न तो आप नींद पूरी कर सकते हैं न ही इससे कोई लाभ है। अध्ययनों में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि अगर आपकी एक रात भी ठीक से नींद पूरी नहीं हो पाती है तो इसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर हो सकता है, इस तरह के जोखिम से बचने के लिए नींद के पैटर्न को ठीक रखना सभी के लिए बहुत आवश्यक है।