राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। गुजरात की रहने वाली 28 हफ्ते की प्रेग्नेंट रेप विक्टिम को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अबॉर्शन की इजाजत दे दी। महिला ने पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने बिना कारण बताए 17 अगस्त को उसकी याचिका खारिज कर दी।
इसके बाद पीड़ित 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट पहुंची। उसी दिन गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एक ऑर्डर जारी किया। जिसमें लिखा कि उन्होंने पीड़ित पक्ष की याचिका खारिज करते हुए उनसे पूछा था कि क्या वह बच्चे को जन्म देकर उसे स्टेट को सौंपना चाहती हैं।
गुजरात हाईकोर्ट का यह ऑर्डर देख सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस नागरत्ना काफी नाराज हुईं। उन्होंने कहा – सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश के जवाब में हाईकोर्ट से कुछ ऑर्डर आता है, इसे हम सही नहीं मानते।