राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि, इंदौर। स्वास्थ्य विभाग ने 150 से अधिक निजी अस्पतालों को नोटिस जारी कर फायर एनओसी जमा करने का कहा था, लेकिन कई अस्पतालों ने जमा ही नहीं की। अस्पताल संचालक स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी को हवा में उड़ा रहे हैं। उधर, विभागीय अमला अस्पतालों में निरीक्षण की भी योजना बना रहा है। निजी अस्पतालों में आग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के उद्देश्य से फायर एनओसी की मांग की जा रही है। इसके बाद भी अस्पताल संचालक इसे लेकर गंभीर नहीं है। स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर नोटिस देकर खानापूर्ति की कोशिश में लगा है। कई अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी है कि उन्होंने फायर एनओसी के लिए आवेदन किया है। निजी अस्पतालों में आग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के उद्देश्य से फायर एनओसी की मांग की जा रही है। इसके बाद भी अस्पताल संचालक इसे लेकर गंभीर नहीं है। स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर नोटिस देकर खानापूर्ति की कोशिश में लगा है। कई अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी है कि उन्होंने फायर एनओसी के लिए आवेदन किया है। बताया जा रहा है कि विभाग अब अस्पतालों के औचक निरीक्षण कर फायर एनओसी के आवेदन जांचने की भी योजना बना रहा है। कुछ समय पूर्व ही कलेक्टर इलैया राजा टी. ने स्वास्थ्य विभाग से फायर एनओसी के बगैर संचालित हो रहे अस्पतालों की जानकारी मांगी थी। साथ ही इनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी किए थे। कलेक्टर के तल्ख तेवर के बाद स्वास्थ्य विभाग ने करीब 150 अस्पतालों को नोटिस जारी किए थे। इसमें समयसीमा तय करते हुए फायर एनओसी जमा करने को कहा था। इसके बाद भी अधिकतर अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग के नोटिस को हवा में उड़ा दिया। कुछ ही अस्पतालों ने मामले में गंभीरता दिखाई और फायर एनओसी जमा करवाई है। उधर, जानकारों की मानें तो फायर एनओसी जमा नहीं करवाने वाले अस्पतालों का लाइसेंस भी रद किया जा सकता है।





