राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । स्वीडन के कई शहरों में पवित्र कुरान की प्रतियां जलाने के बाद से दंगे हो रहे हैं। लोग जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के हमले को रोकने के लिए पुलिस ने फायरिंग की। जिसमें तीन लोग घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री एंडरसन ने हिंसा की निंदा की है।
लिस ने कहा कि लगभग स्वीडन शहर में 200 लोग प्रदर्शन में शामिल थे। हिंसा को देखते हुए हमने चेतावनी के लिए फायरिंग की थी, लेकिन तीन लोग इसकी चपेट में आ गए और घायल हो गए। सभी घायल आरोपियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों और दुकानों में भी लगाई आग
पिछले कई दिनों से पुलिस और प्रदर्शनकारी में झड़प जारी है, जिसमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं। इन दंगों में प्रदर्शनकारियों की ओर से कई गाड़ियों और दुकानों को आग लगाने के भी मामले सामने आए हैं। पुलिस ने अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया है।
स्वीडन के प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन ने हिंसा पर कहा कि यहां लोगों को अपनी राय व्यक्त करने की अनुमति है। यह हमारे लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन हिंसा हम कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे। रासमुस पालुदान हिंसा भड़काना चाहते थे और उन्होंने ऐसा ही किया।
रिपोर्ट के मुताबिक डेनमार्क की स्टार्म कुर्स पार्टी चलाने वाले डेनिश-स्वीडिश चरमपंथी रासमुस पालुदान ने हिंसा भड़काई है। रासमुस पालुदान ने बयान में कहा कि उन्होंने इस्लाम की सबसे पवित्र किताब को जलाया है और आगे भी वह ऐसा करेंगे। स्टॉकहोम, लिंकोपिंग और नॉरकोपिंग में दक्षिणपंथी समूह ने कार्यक्रम की योजना बनाई थी। जहां-जहां कार्यक्रम आयोजित किए गए वहां-वहां हिंसा भड़की। गुरुवार को इन दंगों की शुरुआत हुई थी।