टैक्स की राशि अग्रिम भुगतान करते है तो, लगने वाले ब्याज से मिलेगी राहत
राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि ग्वालियर | आयकर भरना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। जिसके आधार पर सरकार विकास कार्यों की प्लानिंग करती है। जब टैक्स भरना हमारी जिम्मेदारी है तो वे कर दाता जिन्हें टैक्स अदा करना है। यदि वह टैक्स की राशि अग्रिम भुगतान करते है तो उन्हें लगने वाले ब्याज से राहत मिलती है या उन्हें कम ब्याज अदा करना होता है। अपने टैक्स का भुगतान आयकर में बताए गए स्लैब के आधार पर करना होता है अग्रिम कर अथवा एडवांस टैक्स से आशय ऐसे टैक्स से है जो कि आपको साल के अंत में एक साथ ना चुकाने की बजाए,साल में 4 किस्तों में जमा करना होता है।एडवांस टैक्स जमा करने का दायित्व केवल उन करदाताओं पर होता है जिनकी कर देयता 10000 रुपये से अधिक होती है।ऐसे में उन्हें आयकर में बताई गई देय तिथियों पर त्रैमासिक आधार पर अपना अग्रिम कर का भुगतान करना होता है।अग्रिम कर भुगतान का लाभ यह होता है कि आपको वर्ष के अंत में कर के भार से राहत मिलती है। शासन को समय पर कर मिलता है तो देश के विकास कार्यो की प्लानिंग करने में सहायता मिलती है।यदि कोई कर दाता समय अवधि में कर का भुगतान नहीं करता तो उसे आयकर पर ब्याज देना हाेता है।आयकर अधिनियम की धारा 234बी के तहत महीने के हिस्से के प्रति माह एक फीसद सामान्य ब्याज के रुप में अग्रिम भुगतान न किए गई राशि पर अदा करना होता है। यदि भुगतान में कमी की स्थिति में, धारा 234सी के अंतर्गत 3 माह के लिए ब्याज देय होता है। इसलिए करदाता को चाहिए कि वह समय से पहले ही अपने कर की राशि काे अदा कर ब्याज की राशि की बचत करे।