राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । अफगानिस्तान में तालिबान ने अल्पसंख्यक हजारा समुदाय के 13 लोगों की हत्या कर दी। तालिबानी पिछले दिनों दयाकुंडी प्रांत के कहोर गांव पहुंचे। यहां उन्होंने कुल 13 लोगों की हत्या की। इनमें से कुछ अफगान सेना के पूर्व सैनिक थे। ये तालिबान के कब्जे के बाद सरेंडर कर चुके थे। दो आम अफगानियों को भी कत्ल किया गया। इनमें से एक लड़की थी। इसकी उम्र 17 साल बताई गई है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने न्यूज एजेंसी से कहा- पिछले शासनकाल की तरह तालिबान इस बार भी क्रूरता दिखा रहा है। हजारा समुदाय के लोगों की हत्या इस बात का सबूत है। दूसरी तरफ, दयाकुंडी में तैनात तालिबान नेता सादिकुल्ला आबेद ने हत्याओं से इनकार किया। उन्होंने कहा- हमारा एक साथी घायल हुआ है। अफगानिस्तान की जनसंख्या करीब 3.6 करोड़ है। इनमें 9% हजारा हैं। हजारा मूल रूप से शिया है, जबकि तालिबान सुन्नी। इसलिए हजारा समुदाय का अकसर कत्लेआम किया जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने 14 अगस्त को दयाकुंडी पर कब्जा किया था। इसके बाद मोहम्मद अजीम सदाकत के नेतृत्व में पूर्व अफगान सैनिकों ने तालिबान के सामने सरेंडर कर दिया था। 34 पूर्व सैनिकों ने सुरक्षा की अपील की। 30 अगस्त को करीब 300 तालिबानी यहां पहुंचे। इन लोगों ने सैनिकों और उनके परिवारों को पकड़ लिया। बाद में इन पर फायरिंग की। 9 पूर्व सैनिकों को तालिबानी नदी के पास ले गए और उनकी हत्या कर दी। पिछले दिनों तालिबान ने एक अभियान चलाया था जिसमें अशरफ गनी सरकार का समर्थन करने वालों पर हमला न करने का वादा किया गया था।