राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । 15 अगस्त को काबुल के जरिए अफगानिस्तान की हुकूमत पर कब्जा करने वाले तालिबान ने महिला वॉलीबॉल प्लेयर की सिर काटकर हत्या कर दी। यह जानकारी सोशल मीडिया के जरिए सामने आई है। मारी गई इस प्लेयर का नाम मेहजबीन हकीमी बताया गया है। अफगानिस्तान के कई जर्नलिस्ट्स ने सोशल मीडिया पर तालिबान की इस हरकत की जानकारी दी है। हकीमी की हत्या की एक वजह उनका अल्पसंख्यक हजारा समुदाय से होना हो सकता है। तालिबान इस माइनोरिटी ग्रुप से नफरत करते हैं।
अफगानिस्तान की जूनियर वॉलीबॉल टीम के कोच ने सोशल मीडिया पर इस घटना की जानकारी दी है। घटना कुछ दिन पुरानी और संभवत: अक्टूबर के पहले हफ्ते की है। हालांकि, दुनिया को इसका पता बुधवार को ही चला। परिवार ने भी मेहजबीन की हत्या के बारे में किसी को जानकारी नहीं दी, क्योंकि तालिबान ने उन्हें मुंह बंद रखने की धमकी दी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेहजबीन न सिर्फ बेहतरीन वॉलीबॉल प्लेयर थीं, बल्कि वे दूसरी स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में भी शिरकत करती थीं। अशरफ गनी सरकार के दौर में वो अकसर क्लब जाती थीं। सोशल मीडिया पर उनके मारे जाने के बाद की फोटो भी वायरल हैं, हालांकि ये काफी वीभत्स हैं।
कोच के मुताबिक, तालिबान के मुल्क पर कब्जे के बाद कुछ जूनियर प्लेयर मुल्क से बाहर चली गईं थीं, हालांकि ज्यादातर देश में ही रहीं। माना जा रहा है कि हकीमी की हत्या की एक वजह उनका हजारा समुदाय से होना भी है। तालिबान में ज्यादातर सुन्नी हैं और ये हजारा समुदाय को मुस्लिम ही नहीं मानते।
कुछ दिन पहले अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रेसिडेंट ने कहा था कि तालिबान महिलाओं के स्पोर्ट्स में हिस्सा लेने का विरोध नहीं करते, लेकिन उनके कपड़े छोटे नहीं होने चाहिए। उनका मुल्क की संस्कृति के हिसाब से कपड़े पहनने होंगे।