यहां के हाई और हायर सेकंडरी स्कूल के बच्चों को किशोरावस्था से ही देश की रक्षा, सीमा पर तैनात फौजियों की ओर आकर्षित किया जाता है।
रायपुर: राजधानी रायपुर रावाभांठा स्थित मां बंजारी गुरुकुल (स्कूल) ऐसा है, जहां पर किताबी ज्ञान ही नहीं दिया जाता, बल्कि देशभक्ति का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है। जब स्कूल नाम की संस्था देश में नहीं थी, तब गुरुकुल में ही शिक्षा-दीक्षा दी जाती थी।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि जो बच्चे यहां से पढ़करनिकले हैं और फौज या पुलिस में सेवा दे रहे हैं, वे एल्युमिनी बनकर यहां के दूसरे बच्चों को फौज में जाने के लिए प्रेरित करते हैं। बच्चों को ऐसी तालीम दी जाती है कि यहां से 10 से 12 बच्चों का चयन सेना और पुलिस में हो रहा है। ये बच्चे शुरू से ही जवान बनने की इच्छा पाल लेते हैं। पिछले सालों में यहां से पढ़कर निकलने वाले बच्चे फौजी या पुलिस के जवान बन रहे हैं।
देशप्रेम की भावना जगाने के लिए गुरुकुल में महाराणा प्रताप, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाषचंद्र बोस और अब्दुल कलाम जैसे महापुरुषों के नाम से हॉल बनाया गया है, जहां देशभक्ति से जुड़ी प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। पिछले दस वर्षों में गुरुकुल ने 150 से अधिक जवान तैयार किए हैं, जो इन दिनों मातृभूमि की सेवा में लगे हुए हैं। बच्चों को शुरू से ही बताया जाता है कि देश सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।
मां बंजारी मंदिर ट्रस्ट की ओर से संचालित गुरुकुल में छात्रों को भारत के इतिहास से रूबरू कराया जाता है और देश के वीर योद्धाओं की गाथाएं सुनाई जाती हैं।
वहीं विद्यालय की ओर से भी छात्रों को पूर्व छात्रों का मोबाइल नंबर दिया जाता है, ताकि तैयारी के दौरान उन्हें मदद मिल सके। उसके बाद 2014-15 में छठवीं से 12 वीं तक और 2018-19 में पहली से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई शुरू हुई है। हरीश भाई बताते हैं कि छात्रों को पूर्व छात्रों की सहायता मिलती है। पूर्व छात्र समय-समय पर विद्यालय आते हैं और छात्रों को उचित मार्गदर्शन देते हैं।