राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान मंगलवार को हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन में फूट पड़ गई है| दो संगठनों ने किसान आंदोलन ख़त्म करने का एलान कर दिया है| जिन किसान संगठनों ने आंदोलन वापस लिया है उसमें भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट और KSS के वीएम सिंह गुट शामिल हैं|
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुद और अपने संगठन को इस आंदोलन से अलग करने का फैसला लिया है| वहीं, दिल्ली-नोएडा स्थित चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भानू गुट ने भी धरना खत्म कर दिया है। दोनों ही गुटों ने लाल किले पर दूसरे रंग का ध्वज फहराए जाने के विरोध में आंदोलन को खत्म किया है। भानु प्रताप सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कल दिल्ली में जो भी हुआ, उससे उन्हें गहरा दुख पहुंचा है. इसलिए वह 58 दिन से चल रहा अपना आंदोलन खत्म कर रहे हैं|
वीएम सिंह ने कहा कि हम उस आंदोलन का हिस्सा नहीं रह सकते, जिसका दिशा कुछ और है| उन्होंने कहा जो साथी अब इस आंदोलन से हटना चाहते हैं, हट जाएं, ये आंदोलन इस स्वरूप मे मेरे साथ नहीं चलेगा| हम यहां न शहीद करने आए न अपने लोगों को पिटवाने आए हैं| उन्होंने कहा राकेश टिकैत ने एक बार भी गन्ना किसानों की बात नहीं उठाई, धान खरीफ की कोई बात नहीं की| हम यहां से सपोर्ट करते रहें और उधर कोई और कोई नेता बना रहे, यह मंजूर नहीं| हम यहां इसलिए नहीं आए थे कि खुद को, देश को और 26 जनवरी पर सबको बदनाम करें|
प्रतिनिधि | दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान मंगलवार को हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन में फूट पड़ गई है| दो संगठनों ने किसान आंदोलन ख़त्म करने का एलान कर दिया है| जिन किसान संगठनों ने आंदोलन वापस लिया है उसमें भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट और KSS के वीएम सिंह गुट शामिल हैं|गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुद और अपने संगठन को इस आंदोलन से अलग करने का फैसला लिया है| वहीं, दिल्ली-नोएडा स्थित चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भानू गुट ने भी धरना खत्म कर दिया है। दोनों ही गुटों ने लाल किले पर दूसरे रंग का ध्वज फहराए जाने के विरोध में आंदोलन को खत्म किया है। भानु प्रताप सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कल दिल्ली में जो भी हुआ, उससे उन्हें गहरा दुख पहुंचा है. इसलिए वह 58 दिन से चल रहा अपना आंदोलन खत्म कर रहे हैं|वीएम सिंह ने कहा कि हम उस आंदोलन का हिस्सा नहीं रह सकते, जिसका दिशा कुछ और है| उन्होंने कहा जो साथी अब इस आंदोलन से हटना चाहते हैं, हट जाएं, ये आंदोलन इस स्वरूप मे मेरे साथ नहीं चलेगा| हम यहां न शहीद करने आए न अपने लोगों को पिटवाने आए हैं| उन्होंने कहा राकेश टिकैत ने एक बार भी गन्ना किसानों की बात नहीं उठाई, धान खरीफ की कोई बात नहीं की| हम यहां से सपोर्ट करते रहें और उधर कोई और कोई नेता बना रहे, यह मंजूर नहीं| हम यहां इसलिए नहीं आए थे कि खुद को, देश को और 26 जनवरी पर सबको बदनाम करें|