राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । माघ महीने की मौनी अमावस्या को धर्म-कर्म के लिए खास माना गया है। अमावस्या तिथि के स्वामी पितर माने गए हैं। इसलिए पितरों की शांति के लिए इस दिन तर्पण और श्राद्ध किया जाता है। वहीं पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए इस दिन उपवास रखा जाता है। इस बार ये पर्व 1 फरवरी, मंगलवार को है। इस दिन मकर राशि में सूर्य, चंद्र, बुध और शनि होने से चतुर्ग्रही योग बन रहा है। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बतातें हैं कि ज्योतिष के संहिता स्कंध के मुताबिक, शुभ दिनों में पड़ने वाली अमावस्या शुभ फल देने वाली होती है। 1 फरवरी, मंगलवार को माघ महीने की भौमावस्या का संयोग तीन साल बाद बन रहा है। इससे पहले 16 जनवरी 2018 को मंगलवार को मौनी अमावस्या का योग बन रहा था। अब ऐसा शुभ संयोग अगले 22 साल बाद यानी 21 जनवरी 2042 को बनेगा। जब मंगलवार को मौनी अमावस्या पर्व रहेगा।