भोपाल के कलियासोत जंगल में टाइगर का मूवमेंट; पेट्रोलिंग वाहन के कैमरे में हुआ कैद
राष्ट्र आजकल /प्रतिनिधि
भोपाल में एक बार फिर टाइगर का मूवमेंट दिखा है। गुरुवार सुबह पेट्रोलिंग व्हीकल के कैमरे में टाइगर रिकॉर्ड हुआ है। वह पेड़ के नीचे आराम फरमा रहा था। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह वयस्क बाघ है, जिसकी उम्र करीब ढाई साल है।डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि पेट्रोलिंग टीम 13 शटर के पास में घूम रही थी। जहां टाइगर बैठा मिला। वह काफी देर तक यहां बैठा रहा। ट्रैप कैमरे में वह कई बार दिखा है, लेकिन प्रत्यक्ष रूप में पहली बार दिखाई दिया है। एसडीओ आरएस भदौरिया ने बताया कि यह बाघिन टी-123 का शावक है। वाल्मी कैंपस व पहाड़ी पर इसका मूवमेंट रहा है।बहुत करीब पहुंच गई गाड़ीटाइगर जिस पेड़ के नीचे आराम कर रहा था, वह चंदनपुरा और कलियासोत जंगल में है। पेट्रोलिंग कर रहा अमला गाड़ी को करीब तक ले गया। हालांकि, टाइगर की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई। वह छांव में बैठकर आराम फरमा रहा था। गाड़ी में कैमरे लगे हैं, जिसमें वीडियो और फोटो कैप्चर हो गई।
भोपाल के आसपास करीब 25 किमी के दायरे में बाघों का मूवमेंट है। कलियासोत, केरवा के जंगल के साथ ही कोलार-बैरसिया इलाके में भी टाइगर देखे गए हैं। फरवरी-2022 में चूना भट्टी चौराहा स्थित भोज यूनिवर्सिटी कैंपस में टाइगर का मूवमेंट था। कोलार में भी टाइगर देखा गया। वाल्मी की पहाड़ी पर भी मूवमेंट है।13 रेसिडेंशियल बाघभोपाल के कलियासोत, केरवा, समरधा, अमोनी और भानपुर के दायरे में 13 रेसीडेंशियल बाघ घूम रहे हैं। इनका जन्म यहीं हुआ है। अब यहीं इनका दबदबा भी कायम है। बाघिन टी-123 का तो पूरा कुनबा ही है। कई बार भोज यूनिवर्सिटी में बाघ की चहल-कदमी देखने को मिली है। हालांकि उन्होंने कभी इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाया। गुरुवार को दिखा बाघ इसी बाघिन की संतान है। शहर से जुड़े रातापानी के जंगल में बाघ हैं।