राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। आंध्र प्रदेश के चित्तुर जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में आज से फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी वाले कैमरे की शुरुआत की गई है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए मंदिर प्रशासन को भक्तों के लिए सर्विस बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। अब दर्शन के लिए टोकन नहीं लेना पड़ेगा जिससे भक्त जल्दी दर्शन कर पाएंगे।
सबसे पहले फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी को भक्तों के सामान्य दर्शन काउंटर, लड्डू काउंटर और ठहरने के लिए बनी धर्मशाला में शुरू किया गया है। इससे बार-बार दर्शन करने वाले भक्तों की बजाय जो भक्त वास्तव में लंबे समय से वेटिंग में हैं वे जल्दी दर्शन कर पाएंगे। मंदिर की फ्री सेवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने यह फैसला लिया है।
मंदिर प्रशासन ने बताया कि भक्त महीने में एक बार फ्री दर्शन कर सकेंगे। एक से ज्यादा बार यदि कोई फ्री दर्शन करने की कोशिश करेगा तो उसकी जानकारी टेक्नोलॉजी के जरिए प्रशासन को मिल जाएगी और उसे रोक दिया जाएगा। ठीक इसी तरह रूम अलौट करने के लिए भी इस टेक्नोलॉजी से मदद मिल सकेगी।
ऐसे काम करेगी फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी…
यह फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी ठीक उसी तरह से काम करती है जैसे यूजर मोबाइल को अनलॉक करने के लिए किया जाता है। इसमें ऐसा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया गया है जिससे जेंडर, उम्र और इमोशन के आधार पर चेहरे की पहचान की जा सकती है। इससे दो चेहरों के बीच में फर्क भी बताया जा सकता है। इस टेक्नोलॉजी में लगातार अपडेट्स किए जा रहे हैं।