राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | टैटू बनवाने का चलन बहुत पुराना है। और आजकल बहुत ट्रेंड में चल रहा है इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि इसकी शुरुआत 1800 के दशक के मध्य के आसपास की हो सकती है। धीरे-धीरे यह फैशन दुनियाभर पर छाने लगा। देशों में इसे आवश्यक फैशन का एक हिस्सा माना जाता है, जिसमें लोग शरीर के अधिकतर हिस्से को टैटू के इंक से रंगा लेते हैं। भारत में भी पिछले कुछ वर्षों में यह फैशन तेजी से बढ़ने लगा है। पर क्या आप जानते हैं कि टैटू को लेकर बरती गई जरा सी भी असावधानी जानलेवा समस्याओं का खतरा बढ़ा सकती है। कुछ लोगों का शरीर टैटू के योग्य नहीं होता है ऐसे में टैटू कराने से पहले इसके जोखिमों के बारे में जान लेना बहुत आवश्यक हो जाता है। टैटू के कारण भी कुछ गंभीर समस्याओं का जोखिम हो सकता है। टैटू के कारण आपमें कुछ और भी प्रकार की समस्याओं का जोखिम हो सकता है, जिसके बारे में विशेष सावधानी रखनी चाहिए। टैटू डाई से एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है जो वर्षों बाद विकसित हो सकती है। एलर्जी की प्रतिक्रिया के लक्षणों में टैटू साइट पर दाने हो सकते हैं। स्टैफ इंफेक्शन जैसी त्वचा की समस्याएं। टैटू वाली जगह पर जलन या सूजन। टैटू साइट के आसपास ग्रैनुलोमा या सूजन वाले ऊतक विकसित होना। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उन्हें टैटू नहीं कराना चाहिए, इसमें घाव में संक्रमण का खतरा हो सकता है।