ट्रंप प्रशासन ने अपनी आव्रजन नीति के कार्यान्वयन के तहत गैर-नागरिकों की विस्तृत निजी ”बायोमेट्रिक” जानकारी एकत्रित करने से संबंधित एक योजना की मंगवलार को घोषणा की।
विभाग ने प्रस्तावित नियमन जारी नहीं किया और न ही इस संबंध में अधिक जानकारी मुहैया कराई। आंतरिक सुरक्षा विभाग के एक बयान के अनुसार अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा देश में रहने या काम करने के इच्छुक लोगों के डेटा एकत्रित करेगी, जिसमें आंख की पुतली और चेहरे से संबंधित जानकारियां, आवाज के नमूने और कुछ मामलों में डीएनए लिया जाना शामिल है।
इसके दायरे में वे लोग आएंगे जो पहले से ही देश रह रहे हैं। साथ ही वे अमेरिकी नागरिक भी इसमें शामिल होंगे, जो अपने परिवार के सदस्यों का प्रायोजन (स्पांसर) कर रहे हैं। ‘बजफीड न्यूज’ को नीति का खाका हासिल हुआ है, जिसके अनुसार उसने मंगलवार को खबर दी कि इस नीति में एक ऐसा प्रावधान है जिसके तहत कुछ प्रकार के आव्रजन लाभ हासिल करने का आवेदन देने वालों को निजी डेटा मुहैया कराना होगा।
‘माइग्रेशन पालिसी इंस्टीट्यूट’ की विश्लेषक सारा पियर्स ने कहा, ”यह निगरानी का उल्लेखनीय विस्तार है। विशेषकर इसलिये क्योंकि इसके तहत आव्रजकों को किसी भी समय बायोमेट्रिक जानकारी मुहैया कराने के लिये कहा जा सकता है।”
अमेरिका में नागरिकता के आवेदन के लिये आवेदक उंगलियों के निशान और तस्वीरें मुहैया कराते हैं। इस योजना को लागू होने में कई महीनों का समय लग सकता है। साथ ही इसे कानूनी चुनौतियां भी मिल सकती हैं जैसा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में पेश की गईं अधिकतर योजनाओं के साथ हो चुका है।
आंतरिक सुरक्षा विभाग ने कहा कि नयी नीति के तहत आवेदकों को अपने डीएनए जमा कराने के लिये भी कहा जा सकता है ताकि अपर्याप्त दस्तावेजी सबूत मौजूद नहीं होने की सूरत में अधिकारी यह पुष्टि कर सकें कि आवदेन सही है।