राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय अपनी परीक्षाएं बेहतर ढंग से कराने को लेकर नियमों में बदलाव करेगा। अब परीक्षा के लिए बनाए जाने वाले केंद्रों पर विद्यार्थियों की क्षमता निर्धारित की जाएगी। नियमों में संशोधन के पीछे असल वजह नकल रोकना है। अधिकारियों के मुताबिक, व्यवस्था मार्च से होने वाली परीक्षाओं में लागू होगी। विद्यार्थियों की बैठक क्षमता निर्धारित होने से केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। परीक्षाओं के संचालन को लेकर विश्वविद्यालय के सामने कई दिक्कतें आती हैं। कई बार केंद्र बनाए कालेजों में तीन-तीन सत्र में परीक्षाएं करवाई जाती हैं। ऐसे में कालेजों में कक्षाएं प्रभावित होती हैं। मजबूरन कुछ परीक्षाओं के लिए कालेजों को केंद्र की सूची से हटाना पड़ता है।अधिकारियों के मुताबिक 300 से 400 छात्र-छात्राएं एक बार में परीक्षा दे सकेंगे। नई व्यवस्था लागू करने से पहले केंद्रों की संख्या बढ़ाना होगी। मौजूदा व्यवस्था में 150 कालेजों को विभिन्न परीक्षाओं के लिए केंद्र बनाया जाता है। अब 30 से 40 नए केंद्र बनाना होंगे। हालांकि सालभर में कुछ नए सरकारी कालेज भी खुले हैं। परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी का कहना है कि बेहतर ढंग से परीक्षा कराने के लिए नियम बदले जाएंगे। वैसे केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। यह स्थिति सरकारी कालेजों के सामने ज्यादा आती है, क्योंकि जीएसीसी, ओल्ड जीसीडी, न्यू जीडीसी, निर्भय सिंह पटेल न्यू साइंस कालेज, शासकीय विधि महाविद्यालय में 500 से 700 विद्यार्थियों को केंद्र आवंटित होता है। यहां तक कि कुछ निजी कालेजों में भी विद्यार्थियों की संख्या आठ सौ तक पहुंच जाती है। कालेजों की समस्या को देखते हुए प्रत्येक केंद्र पर बैठक क्षमता निर्धारित करेगा।