आपको बता दें कि टिकटॉक को अमेरिकी कारोबार बेचने की डेडलाइन दी गई है. शार्ट वीडियो मेकिंग ऐप टिकटॉक के अमेरिकी ऑपरेशन को खरीदने के लिए वॉलमार्ट ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ हाथ मिलाया है.
वॉलमार्ट और माइक्रोसॉफ्ट ने TikTok US के संभावित साझेदारी के लिए हाथ मिलाया है. अब ये दोनों कंपनियां एक साथ बोली में शामिल होंगी. ऐसा नहीं है कि वॉलमार्ट और माइक्रोसॉफ्ट पहली बार साझेदार बनेंगे. इससे पहले वॉलमार्ट में माइक्रोसॉफ्ट का Azure क्लाउड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है. दो बड़ी कंपनियां-वॉलमार्ट और माइक्रोसॉफ्ट मिलकर अमेरिका में TikTok के कारोबार को खरीद सकती हैं. ये दावा न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने किया है.
ये खबर ऐसे समय में आई है, जब टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर ने इस्तीफा दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक वॉलमार्ट की ओर से कहा गया कि हमें विश्वास है, माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी अमेरिकी सरकार के रेगुलेटर्स की टेंशन को खत्म करेगा. इसके साथ ही अमेरिका में टिकटाॅक यूजर्स की अपेक्षाएं भी पूरी होंगी.
माइक्रोसॉफ्ट, वॉलमार्ट के अलावा टेक्नोलॉजी क्षेत्र की कंपनी Oracle भी टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को खरीदने में रुचि दिखा रही है. इसके साथ ही इसे खरीदने वालों में ट्विटर का भी नाम उछला था. केविन मेयर को चार महीने पहले ही कंपनी का सीईओ बनाया गया था. इससे पहले वो Disney में टॉप एग्जिक्यूटिव थे.
बता दें कि अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने टिकटॉक को 90 दिनों के अंदर अपना बिजनेस बेचने को कहा है. अगर 90 दिनों के अंदर इसे नहीं बेचा गया तो ऐप बैन हो जाएगा. हालांकि हाल ही में टिक टॉक ने ये भी कन्फर्म किया है कि कंपनी अमेरिकी सरकार के इस ऑर्डर को चैलेंज करेगी और उन पर मुक़दमा करेगी. आपको बता दें कि बीते जुलाई महीने में भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप को बैन कर दिया था.
सरकार ने प्राइवेसी का हवाला देते हुए टिकटॉक समेत अन्य चाइनीज ऐप पर बैन लगाया है. वहीं, भारत की बात करें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज चाइनीज ऐप टिकटॉक के भारतीय कारोबार को खरीद सकती है. खबर है कि टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस और मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के बीच बातचीत चल रही है.