इस मामले में दोनों पक्षों की काउंसिलिंग की गई। पत्नी का कहना है कि उसके बेटे की फीस 30 हजार रुपए बकाया है, जिस कारण स्कूल वालों ने उसे ऑनलाइन कक्षा से बाहर कर दिया है। वह पति से बोल-बोल कर थक गई, लेकिन अभी तक फीस जमा नहीं हो पाया है। बेटा अभी सातवीं में पढ़ रहा है। ऐसे में उसकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। ऐसे में मैं मायके वालों से मदद लेने आ गई।
भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): शादी के 15 साल भी इस आर्थिक तंगी में पति का साथ छोडकर पत्नी बेटे को लेकर मायके चली गई। भरण-पोषण की शिकायत भी दर्ज करा दी। लॉकडाउन में सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले पति की नौकरी चली गई। इस कारण बेटे के स्कूल की फीस जमा नहीं हो पाई। इस छोटी सी बात पर विवाद इतना बढ़ा कि मामला महिला थान के परिवार परामर्श केंद्र में पहुंच गया।
पति ने पत्नी से साथ चलने के लिए गुजारिश करते हुए कहा कि वह किसी भी हाल में बेटे की फीस जमा कर देगा। वह अपने बेटे की पढ़ाई के लिए कुछ भी करने को तैयार है। पति का कहना है कि उसकी नौकरी अप्रैल में चली गई थी। इस कारण वह निजी स्कूल में पढ़ रहे अपने बेटे की फीस जमा नहीं कर पाया।
इन सबके बाद पत्नी मान गई और पति के साथ जाने को तैयार हो गई।