राष्ट्रआजकल प्रतिनिधि | नया साल आने वाला है। वहीं पुराना साल काफी कुछ देकर गया। कई यादों के साथ ही इस बीते हुए साल ने लोगों की जीवनशैली में बड़ा बदलाव किया। साल 2021 भी कोरोना वायरस के संभावित खतरे और प्रभाव के बीच गुजरा। संक्रमण से बचाव के लिए बाहर निकलने पर रोक थी। सोशल डिस्टेंसिंग लागू हो गई। लोग घरों में रहने को मजबूर हो गए। वहीं कामकाजी लोगों ने घर से काम करना शुरू किया। लॉकडाउन और पाबंदियों के कारण कार्यालयों में वर्क फ्राॅम होम कल्चर आया। कर्मचारियों ने ऑफिस जाना छोड़ कर घर से ही काम करना शुरू किया। कोरोना संकट के बीच वर्क फ्राॅम होम कल्चर ने लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव किया। लोगों का आदतें और दिनचर्या काफी हद तक बदल गई। घर पर दफ्तर आने के बाद से लोगों को अपने बच्चों के साथ समय बिताने के लिए ज्यादा वक्त मिल सका। बच्चे भी घर पर होते और उनके माता-पिता भी। ऐसे में रोज के बिजी दिनों में जब आप अपने बच्चों की हर एक्टिविटी पर ध्यान नहीं दे सकते थे, उसकी तुलना में वर्क फ्राॅम होम में बच्चों पर ज्यादा समय दे सके।
घर पर ऑफिस का काम आया तो लोगों ने घर पर रूम, किचन और अन्य कमरों के अलावा ऑफिस के लिए भी जगह बनाई। घर छोटा हो या बड़ा, लोगों के घर में काम की एक जगह सेट हो गई। ऑफिस के कामकाज में लोगों के पास परिवार के साथ समय बिताने या उनकी पसंद का ख्याल रखने का समय नहीं मिल पाता था, पर वर्क फ्राॅम होम से लोग अपने परिवार को ज्यादा समय देने लगे। इस दौरान उन्हें ये पता चला कि परिवार के किस सदस्य को क्या पसंद है, वह क्या चाहते या सोचते हैं।