जैसा कि आपको पता है कि आपके खान-पान का असर ना सिर्फ आपकी सेहत पर पड़ता है बल्कि आपकी याददाश्त पर भी पड़ता है। अगर खान-पान दुरुस्त नहीं करेंगे तो उम्र बढ़ने के साथ ही ये बीमारी अल्जाइमर में तब्दील हो सकती है।

राष्ट्र आजकल (लाइफस्टाइल डेस्क): वर्क लोड ने हमारी याददाश्त को कमजोर बना दिया है जिसका नतीजा है कि हम कई जरूरी काम करना भूल जाते है। ज़िंदगी में मसरूफियत इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि हमारा दिमाग कई कामों में एक साथ बट गया है।
हमारी डाइट इतनी खराब हो गई कि हमें जरूरी फाइबर और खनिज तत्व नहीं मिल पाते। आप अपनी याददाश्त दुरुस्त करना चाहते हैं और भविष्य में अल्जाइमर से महफूज रहना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में इन चीजों को शामिल करें। आप भी अगर चीजों को रख कर भूल जाते हैं, जरूरी काम करना भूल जाते हैं तो समझ जाइए कि आपकी याददाश्त प्रभावित हो रही है।
अपनी याददाश्त को मजबूत बनाने के लिए आप अपनी डाइट पर ध्यान दें। हमारे दिमाग को कुछ जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते जिसकी वजह से हमारी याददाश्त कमजोर होने लगती है।
बादाम का सेवन करें:
बादाम और शहद के दूध को पीने से आपकी याददाश्त तेज रहेगी। याददाश्त को दुरुस्त करने के लिए रात को रोज 9 बादाम भिगो दें और सुबह उन्हें छील कर उनका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को गर्म दूध में मिलाएं साथ में एक चमचा शहद भी मिलाएं।
कॉफी पीएं:
आप सुबह नाश्ते में कॉफी पीए आप फुर्तीला महसूस करेंगे। कॉफी में मौजूद कैफीन दिमाग के उस हिस्से को क्रियशील बनाता है जहां से इनसान की सक्रिया, मूड और ध्यान नियंत्रित होता है।
सेब का सेवन करें:
सेब आपकी इम्यून पावर को बढ़ाता है और आपकी याददाश्त भी दुरुस्त रखता है। कहावत हैं न जो रोज एक सेब खाता है वो रोगों को दूर भगाता है। सेब आपकी याददाश्त को दुरुस्त करता है। सेब में पाया जाने वाला पेक्टिन विशेष फाइबर है।
अखरोट भी खाया करें:
20 ग्राम अखरोट और 10 ग्राम किशमिश को एक साथ मिला कर खाने से याददाश्त मजबूत होती है। अखरोट आपकी याददाश्त बढ़ाने में अहम रोल निभाता है।
अलसी का सेवन करें:
अलसी के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो दिमाग की स्मरण शक्ति बढ़ाने, भूलने की बीमारी कम करने में मदद करता है।
ब्रह्मी भी है लाभदायक:
इस बीमारी से बचने के लिए ब्रह्मी माकूल जड़ी बूटी है जो आपकी याददाश्त दुरुस्त रखती है। ब्रह्मी का एक चम्मच रस आपकी याददाश्त को दुरुस्त रखने के लिए काफी है। आप चाहें तो ब्रह्मी के पत्ते भी खा सकती है। भूलने की बीमारी सिर्फ बुढ़ापे में नहीं होती बल्कि किसी भी उम्र के लोगों को अपनी गिरफ्त में ले सकती है।