राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। इसमें रक्त शर्करा का स्तर काफी तेजी से बढ़ने लगता है जिसके कारण शरीर में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। ब्लड शुगर का कम या अधिक होना दोनों ही गंभीर स्थिति है, ऐसे में सभी लोगों को इसे नियंत्रित रखने के उपाय करते रहने की सलाह दी जाती है। पर सिर्फ आहार संबंधी सुधार को विशेषज्ञ ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए पर्याप्त नहीं मानते हैं, इसके लिए शारीरिक सक्रियता पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। शोध बताते हैं कि जो लोग अक्सर बैठे रहने वाले काम करते रहते हैं उनमें अन्य लोगों की तुलना में मधुमेह का जोखिम अधिक होता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक योगासनों को मधुमेह के उपचार और रोकथाम के लिए सबसे आशाजनक और किफ़ायती विकल्प माना जाता है। आंकड़ों से पता चलता है कि योग और व्यायाम की आदत हाइपरग्लेसेमिया यानी कि रक्त शर्करा बढ़ने की स्थिति को कम कर सकते हैं। ब्लड शुगर को नियंत्रित कर इससे होने वाले दुष्प्रभावों को कम करने में भी योगासनों की आदत काफी लाभकारी मानी जाती है। आइए जानते हैं डायबिटीज रोगियों के लिए कौन से अभ्यास फायदेमंद हो सकते हैं? भुजंगासन योग, शरीर को आराम देने के साथ दिमाग को भी शांत करने वाला अभ्यास है। यह आपके मस्तिष्क के तनाव को कम करने के साथ शरीर के अंगों में रक्त संचार बढ़ाकर उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। डायबिटीज के शिकार लोग इस योग के अभ्यास की आदत बनाकर रक्त शर्करा को आसानी से कंट्रोल करके मधुमेह की समस्या में लाभ पा सकते हैं। इस योग को पीठ और कमर की समस्याओं में भी काफी कारगर माना जाता है। बालासन या चाइल्ड पोज योग आपके हैमस्ट्रिंग, रोटेटर मांसपेशियां और स्पाइनल एक्सटेंसर का अभ्यास करने में सहायक है। ऐसे में यह तनाव, थकान और पीठ और गर्दन के दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है।