मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भोपाल के पूर्व नवाब मंसूर अली खान पटौदी की बहन व फिल्म अभिनेता सैफ अली खान की बुआ बेगम साबेहा सुल्तान की 1800 एकड़ भूमि को सीलिंग एक्ट के तहत अधिग्रहीत करने संबंधी रायसेन कमिश्नर के आदेश पर रोक लगा दी।
जबलपुर(राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): इस अंतरिम आदेश के साथ ही राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया।
अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी, तब तक सभी पक्षों को यथास्थिति बरकरार रखने निर्देश दिया गया है। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेश पांचोली ने पक्ष रखा। न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
उन्होंने दलील दी कि करीब दो साल पहले भोपाल, सीहोर और रायसेन जिले में स्थित 4000 एकड़ जमीन के नामांतरण का मामला सामने आने के बाद तत्कालीन अपर आयुक्त राजेश जैन ने मामले को स्वप्रेरणा निगरानी में लेते हुए वर्ष 1971 के राजस्व रिकार्ड को देखा था।
भोपाल की जमीन भी शामिल है। वर्ष 1961 में सीलिंग एक्ट आ गया था, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति, जिसके पास 54 एकड़ से ज्यादा जमीन थी, उसे दायरे में लाया गया था। इसी एक्ट के तहत भोपाल नवाब की निजी 133 संपत्तियों को छोड़कर सबको इसके दायरे में ले लिया गया था। लेकिन अफसरों की गलती के चलते कुछ जमीनें सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई थीं।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने उक्त आदेश स्थगित कर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए। अपर आयुक्त एचएस मीणा ने एकतरफा तरीके से याचिकाकर्ता की चिकलोद स्थित 1800 एकड़ जमीन और संपत्तियों में से 54 एकड़ जमीन को छोड़कर बची हुई अन्य सभी संपत्तियों को सीलिंग के दायरे में लाकर सरकारी घोषित करने का प्रारंभिक आदेश 25 जुलाई को जारी कर दिया। इसी आदेश को याचिका में चुनौती दी गई। इसके चलते मरहूम मंसूर अली खान पटौदी की बहन हैदराबाद निवासी बेगम साबेहा सुल्तान के स्वामित्व की चिकलोद स्थित 1800 एकड़ संपत्ति को सीलिंग एक्ट के दायरे में लिया गया।