राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | सबसे पहले प्रोविजनल NOC है क्या, इसे जान लेते हैं। भोपाल के अपर आयुक्त केएस परिहार बताते हैं कि जब नई बहुमंजिला इमारत बनाई जाती है, तो उसके लिए प्रोविजनल NOC दी जाती है। यह NOC संबंधित निकाय देता है। एक साल के भीतर यह टेंपरेरी NOC देने का नियम है। टेंपरेरी NOC तब दी जाती है, जब निकाय फायर सेफ्टी के सारे पैमानों की जांच कर लें, जबकि प्रोविजनल NOC नक्शे, बिल्डिंग परमिशन, मालिकाना हक समेत अन्य जरूरी दस्तावेजों के आधार पर ही दे दी जाती है। प्रोविजनल एनओसी की जगह टेम्प्रेरी एनओसी देने के पीछे की वजह भी है। बात राजधानी की करें तो यहां बीते 20 महीने यानी, दिसंबर-2020 से अब तक प्रोविजनल एनओसी के लिए करीब 1300 आवेदन आए। इनमें से 1010 से ज्यादा आवेदनों को मंजूरी दी गई। बाकी, 300 आवेदनों को या तो निरस्त किया गया, फिर फीस जमा न करने, पूर्ण दस्तावेज न देने आदि की वजह से मंजूरी नहीं दी गई | इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत सभी बड़े शहरों में ऐसे हालात बताए जाते हैं। यही कारण है कि जब भी बहुमंजिला इमारतों में आग लगने की घटनाएं होती हैं तो फायर सेफ्टी के इंतजाम न होने से समय पर काबू नहीं पाया जाता है। 8 नवंबर 2021 की रात में भोपाल स्थित हमीदिया हॉस्पिटल की कमला नेहरू बिल्डिंग में आग लग गई थी। इस हादसे में कई नवजातों की मौत हो गई थी। यह हादसा देशभर में सुर्खियों में रहा था। 6 मई 2022 को इंदौर के स्वर्ण बाग कॉलोनी की मल्टी में आग लगने से सात लोग जिंदा जल गए थे। यह हादसा भी सुर्खियों में रहा। 1 अगस्त को जबलपुर के न्यू लाइफ हॉस्पिटल में आग लगने से 8 लोगों की मौत हो गई थी। यह हॉस्पिटल बिना फायर एनओसी के चल रहा था। मामले में नगर निगम और CMHO की भी बड़ी चूक सामने आई थी।