राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । कोरोना के बाद अब महंगाई से अमेरिकी नागरिक परेशान हैं। यही वजह है कि हर 5 में से एक अमेरिकी रात में चैन से सो नहीं पा रहा है। यह खुलासा ओहायो यूनिवर्सिटी के मेडिकल सेंटर में हाल ही में हुई रिसर्च से हुआ है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यहां लोग इतिहास में अब तक के सबसे ज्यादा तनाव से गुजर रहे हैं। 68% लोगों को तनाव के कारण नींद नहीं आ रही है।
इंटरनल मेडिसिन की प्रोफेसर डॉ. अनीसा दास के अनुसार 2018 से 2021 के बीच नींद न आने के मामलों में 29% इजाफा हुआ है। डॉ. अनीसा दास का कहना कि तनाव के कारण दिल धड़कने की रफ्तार बढ़ जाती है। इस वजह से ब्लड प्रेशर और मांसपेशियों में खिंचाव की स्थिति पैदा होती है और लोगों को नींद नहीं आती। ऐसे हालात में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अमेरिकी रात में औसतन 5 घंटे सोते हैं। वहीं हफ्ते में 3 दिन नींद न आने की समस्या से जूझते हैं।
रात में फोन, टीवी स्क्रीन देखना खतरनाक
एक दूसरी रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में सिर्फ 8% लोगों को ही ऐसा लगता है कि उन्हें नींद से पूरा आराम मिला है। 50% लोग सोने से पहले फोन चलाते हैं। वहीं 37% लोग टीवी देखते हुए सोते हैं। डॉ. दास कहती हैं कि रात में फोन या टीवी से आने वाली रोशनी हमारी बॉडी क्लॉक को गुमराह कर देती है, जिससे हमें रात में सही समय पर नींद नहीं आती। नींद न आना किसी बीमारी का लक्षण भी हो सकती है। वे कहती हैं कि मोबाइल-टीवी के इस्तेमाल से बचना और दिन की धूप में बाहर निकलना हमें आसानी से सोने में मदद कर सकता है।
कमरे में अंधेरा और उसे ठंडा रखें
प्रो. अनीसा दास कहती हैं कि रात में समय पर सोने के लिए हमें बेडरूम में थोड़े बदलाव करने होंगे। जैसे- बेडरूम का तापमान कम करना होगा। कमरे में ज्यादा से ज्यादा अंधेरा रखना होगा। इससे शांत रहने के साथ अच्छी नींद मिल सकती है।