राष्ट्र आजकल/रिजवान मंसूरी/सिहोरा जबलपुर
सिहोरा/ कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आज सिहोरा जनपद पंचायत के ग्राम भण्डरा पहुंचकर यहां गांव का भ्रमण किया और स्वास्थ्य विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग शिक्षा विभाग, जनपद पंचायत तथा आबकारी विभाग के अमले की बैठक लेकर गांव में साफ-सफाई अभियान चलाने, स्वास्थ्य शिविर लगाने तथा स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्र जाकर अनुपस्थित बच्चों के घर जाकर उनके स्कूल या आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं आने के कारणों को जानने के निर्देश दिये हैं। दरअसल इस गांव में उल्टी दस्त से दो मृत्यु होने की सूचना मिलने पर कलेक्टर श्री सक्सेना खुद स्थिति का जायजा लेने वहां पहुंचे थे। इसके पहले उन्होंने स्वास्थ्य विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और जनपद पंचायत अमले को भण्डरा पहुंचकर घर-घर सर्वे करने के निर्देश दिये। इन सभी विभागों का अमला सुबह से वहां पहुंच भी चुका था। हालांकि इन विभागों के गांव के दोनों बस्तियों कोल बस्ती और यादव बस्ती के घर-घर सर्वे के दौरान संक्रामक रोग फैलने जैसी कोई स्थिति नजर नहीं आई। कलेक्टर श्री सक्सेना ने खुद स्थानीय ग्रामीणों से भी इस बारे में चर्चा की। ग्रामीणों ने बातचीत में बताया कि गांव में कोल समाज के ही एक परिवार में चार जुलाई को वैवाहिक समारोह से घर लौटने के बाद चंदा बाई की तबियत खराब हो गई थी। ग्रामीणों ने वैवाहिक समारोह में “ज़्यादा खा-पी लेने” से उल्टियां होने के कारण चंदा बाई (उम्र 49) वर्ष की मृत्यु को प्रमुख कारण बताया। वहीं कोल बस्ती के ही 22 माह के शिवम कोल की मृत्यु की वजह उसका बहुत ज्यादा कमजोर होना बताया गया। श्रीमती चंदा बाई कोल की मृत्यु 5 जुलाई की सुबह लगभग साढ़े छह बजे होना बताया गया। चंदाबाई के पुत्र सुखचैन कोल ने बताया कि उसकी मां को चार और पांच जुलाई की दरमियानी रात करीब तीन बजे से उल्टियां शुरू हुई थीं। कलेक्टर स्वयं चंदा बाई कोल के घर पहुंचे थे और सुखचैन से बात भी की। उन्होंने सुखचैन से मां को उल्टी होने के कारणों के बारे में पूछा। घर के बर्तनों में भरा पानी की जांच भी कलेक्टर ने की। हालांकि सुखचैन ने बताया कि उनके घर पानी अच्छा आता है। गांव में पानी की सप्लाई नल जल योजना के माध्यम से होती है। कलेक्टर ने 22 माह के शिवम की मुत्यु के कारणों की वजह भी स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास के स्थानीय अमले से जानी। उन्होंने ग्रामीणों से भी इस बारे में चर्चा की। स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के स्थानीय अमले ने बताया कि शिवम कोल पिता रामलोचन कुपोषण का शिकार था। उसकी मां गीता को बार-बार बच्चे के साथ पोषण पुनर्वास केन्द्र चलने की सलाह दी जाती थी। कई बार उसे समझाइश भी दी गई। वो बच्चों को लेकर पोषण केन्द्र जाने को तैयार नहीं हुई। बल्कि जब भी उसे पोषण पुनर्वास केन्द्र चलने कहा जाता वो किसी न किसी बहाने से टाल दिया करती थी या बच्चे को लेकर अपने मायके मझगवां चली जाती थी।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने असमय दोनों मृत्यु को लेकर ग्रामीणों से बात भी की तथा उनसे स्वयं के और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहने का आग्रह भी किया। कलेक्टर ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को भी गांव में साफ-सफाई और स्वच्छता को लेकर घर-घर जाकर स्वास्थ्य के प्रति ग्रामीणों में जागरूकता पैदा करने के निर्देश दिये। श्री सक्सेना ने आबकारी विभाग को खासतौर पर हिदायत दी भण्डरा तथा आसपास के गांव में अवैध शराब का निर्माण और विक्रय पर सख्ती से रोक लगाई जाये तथा दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये। कलेक्टर के भण्डरा गांव के भ्रमण के दौरान जिला पंचायत की सीईओ श्रीमति जयति सिंह, सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा, एसडीएम सिहोरा रूपेश सिंघई, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास एमएल मेहरा भी मौजूद थे।