राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। मप्र के देवास में घुसठ नामक जगह पर चल रहे अवैध बालगृह में हिंदू बच्चों से ईसाई धर्म की प्रार्थनाएं कराई जाती थीं। इतना ही नहीं, बच्चों से शौचालय की सफाई, परिसर में घास काटने और झाड़ू-पोंछा तक कराया जाता था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बीते दिनों बालगृह का निरीक्षण किया तो यह गड़बड़ी सामने आई। बड़ी बात यह कि बालगृह महिला एवं बाल विकास विभाग या प्रदेश के किसी भी अन्य विभाग में पंजीकृत ही नहीं है। यहां 55 बालक और 13 बालिकाएं मिलीं यह सभी बाल कल्याण समिति के आदेश के बिना यहां रखे गए थे। आयोग की टीम ने अधिकतर बच्चों से बात की तो गड़बड़ियां उजागर हुईं। अधिकारियों से भी पूछताछ की गई। आयोग ने जांच पूरी करने के बाद सोमवार को मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखकर छह बिंदुओं पर 10 दिन में उत्तर देने के लिए कहा है। आयोग ने कहा है कि बालगृह के हिंदू बच्चों से ईसाई धार्मिक प्रार्थनाएं कराने के कारण संस्था व अधिकारियों के विरुद्ध मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के अतंर्गत कार्रवाई की जाए। साथ ही प्रदेश भर में बिना पंजीयन चल रही संस्थाओं की पहचान कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करें और आयोग को बताएं।