राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । एशिया के सबसे अमीर आदमी, गौतम अडाणी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी कर्ज में डूबे फ्यूचर रिटेल लिमिटेड का अधिग्रहण करने की रेस में है। रॉयटर्स ने इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है। रिपोर्ट के मुताबिक अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स और फ्लेमिंगो ग्रुप का जॉइंट वेंचर मून रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस रिटेल वेंचर्स और 13 अन्य फर्मों ने फ्यूचर रिटेल के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) सबमिट किए हैं।
EOI जमा करने वाली अन्य फर्म्स में शालीमार कॉर्पोरेशन लिमिटेड, नलवा स्टील एंड पावर, यूनाइटेड बायोटेक, डब्ल्यूएचस्मिथ ट्रैवल, कैपरी ग्लोबल होल्डिंग्स शामिल हैं। चल रही दिवाला प्रक्रिया के तहत अगस्त में कुल 33 लेंडर्स ने 21 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के लोन क्लेम प्रस्तुत किए थे। लीड लेंडर्स में बैंक ऑफ इंडिया और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।
देश की दूसरी सबसे बड़ी रिटेलर थी कंपनी
फ्यूचर ग्रुप की फ्लैगशिप रिटेल यूनिट फ्यूचर रिटेल के लिए EOI जमा करने की समय सीमा इस महीने की शुरुआत में खत्म हो चुकी है। ये कभी देश की दूसरी सबसे बड़ी रिटेलर थी। लोन नहीं चुका पाने के बाद इसे बैंकों ने दिवालियापन की कार्यवाही में घसीटा है।
फ्यूचर रिटेल 3.4 बिलियन डॉलर में अपने एसेट को रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचना चाहता था, लेकिन अमेजन इंक की कानूनी चुनौती के बीच वो ऐसा नहीं कर सका और कर्ज में डूब गया।
2024 तक 100 लाख करोड़ का होगा रिटेल मार्केट
भारत का रिटेल मार्केट करीब 900 अरब डॉलर (लगभग 69 लाख करोड़ रुपए) का है। साल 2024 तक इसके 1.3 ट्रिलियन डॉलर (करीब 100 लाख करोड़ रुपए) होने की उम्मीद है। यही वजह है कि बड़ी कंपनियां भारत के रिटेल ऑनलाइन मार्केट के साथ ऑफलाइन मार्केट को भी ज्यादा से ज्यादा कैप्चर करना चाहती हैं।