राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। अच्छी सेहत के लिए नींद कितनी जरूरी है ये हम सभी अक्सर पढ़ते-सुनते रहते हैं। पर क्या हमें रोजाना रात में अच्छी नींद मिल पा रही है? भारत सहित दुनिया के कई देशों में बड़ी आबादी नींद की समस्याओं से जूझ रही है। स्वस्थ शरीर के लिए रात में कम से कम सात से नौ घंटे अच्छी और निर्बाध नींद जरूरी है। यही कारण है कि अमेरिकी में बड़ी संख्या में लोग अपनी रात की नींद को बेहतर बनाने में मदद के लिए “स्लीप डिवोर्स” का विकल्प चुन रहे हैं।अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के सर्वेक्षण के अनुसार, एक तिहाई से अधिक लोगों का कहना है कि साथी के खर्राटों की आवाज, पंखे की स्पीड, एसी के तापमान को सेट करने जैसी समस्याएं नींद में बाधा डालती हैं, इससे बचने के लिए पति-पत्नी कभी-कभी या लगातार अलग-अलग कमरों में सोते हैं। ये चलन भारत में भी बढ़ता हुआ देखा जा रहा है ‘स्लीप डिवोर्स’ जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि ये ‘नींद के लिए आपसी अलगाव’ की एक शैली है। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि अच्छी नींद पाने के लिए पति-पत्नी अलग कमरों, अलग बिस्तर पर या फिर अलग-अलग समय पर सोते हैं। साथी के खर्राटे की आवाज नींद को बाधित कर देती है, इसके अलावा एसी के तापमान, पंखे की गति या कुछ और चीजों को लेकर युगल में बहस या मतभेद हो सकती है, इसका असर उनकी नींद को प्रभावित न करे इसलिए कई देशों में ये चलन तेजी से बढ़ रहा है। नींद की समस्याएं रिश्तों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती हैं। बार-बार स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को अच्छी नींद लेने के लिए सुझाव देते आ रहे हैं, ये मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार की सेहत के लिए जरूरी है। एक रात भी ठीक से नींद न पूरी होने का असर अगले दिन गुस्सा, थकान, चिड़चिड़ेपन के रूप में देखने को मिलता है। अलग सोने की व्यवस्था व्यावहारिक दृष्टिकोण के रूप में उभर रही है। ये किसी भी तरह से रिश्ते के विफल होने का संकेत नहीं है बल्कि नींद की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए दंपत्ति अगर ऐसा फैसला करते हैं तो इसे बेहतर सेहत के लिए अच्छा कदम माना जा सकता है।