आपको बता दें की कक्षाओं को सैनिटाइज कराने के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाओं के लिए बजट की समस्या से जूझ रहे सरकारी स्कूलों को विभाग ने राहत दी है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत विभाग ने प्रदेश के 9149 स्कूलों को 48 करोड़ 89 लाख 62 हजार 500 रुपये का बजट जारी किया है। इसमें राजधानी के 134 सरकारी स्कूलों को 71 लाख 37 हजार 500 रुपये जारी किए गए हैं। इसमें से 10 प्रतिशत राशि स्कूलों की साफ-सफाई पर खर्च करना है। यानी स्कूलों में साफ-सफाई में करीब 4 करोड़ 90 लाख रुपये खर्च होंगे।
भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): प्रदेश में कोरोना संक्रमण काल में सात माह बाद हाई व हायर सेकंडरी स्कूल खोले जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों में नियमित कक्षाएं लगाने की तैयारी कर रहा है। इस हेतु विभाग ने केंद्र द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया(एसओपी) का पालन करने का निर्देश दिया है। इसके लिए स्कूलों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूरे इंतजाम करने होंगे।
जिले में 134 हायर सेकंडरी स्कूल हैं। इनमें 9वीं से 12वीं के बीच औसतन 700 से 1200 तक विद्यार्थी हैं। यदि प्रतिदिन 200 विद्यार्थी भी स्कूल आएंगे तो उनके बार-बार हाथ साफ करने पर चार से पांच लीटर सैनिटाइजर लग जाएगा। वहीं स्कूल को तीन बार सैनिटाइजर करने के लिए भी कई लीटर हाइपोक्लोराइड लगेगा। इसके अलावा रोजाना शौचालय, परिसर की सफाई से लेकर अन्य कदम उठाने पर प्रतिदिन एक हजार से अधिक खर्च आना तय है, जबकि शाला निधि से यह संभव नहीं है।
स्कूलों में सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनर मशीन, साबुन, सफाई कर्मचारी सहित अन्य व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए गए थे, लेकिन विभाग द्वारा इन व्यवस्थाओं के ऊपर खर्च होने वाली राशि को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किए थे। प्राचार्यों का कहना है कि जो गाइडलाइन जारी की गई है, वह शाला विकास निधि से कुछ वक्त ही खर्च चल सकेगा। ऐसे में अब बजट जारी होने से स्कूलों को व्यवस्था बनाने में सहूलियत होगी।