राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि/ पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में सैकड़ों कट्टरपंथियों की भीड़ ने सुप्रीम कोर्ट पर धावा बोल दिया। वे पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा के ईशनिंदा से जुड़े एक फैसले पर नाराज थे। उन्होंने एक अहमदिया व्यक्ति को राइट टु रिलीजन के तहत ईशनिंदा के आरोपों से बरी कर दिया था। घटना सोमवार की है, लेकिन मीडिया पर इसका वीडियो अब सामने आया है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व आलमी मजलिस तहफ्फुज-ए-नबूवत कर रही थी। इसमें उनका साथ जमात-ए-इस्लामी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUIF) के नेता भी दे रहे थे। वे पाकिस्तान के चीफ जस्टिस का इस्तीफा मांग रहे थे। उनकी यह भी मांग थी कि अदालत अपने फैसले को पलट दे।
हजारों प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर सुरक्षा घेरे को तोड़ दिया। वे इमारत के नजदीक पहुंच गए। उन्हें कोर्ट में घुसने से रोकने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन, आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया। अब प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संगठन आलमी मजलिस ने सुप्रीम को अपने फैसले की समीक्षा के लिए 7 सितंबर तक का वक्त दिया है।
जियो टीवी के मुताबिक इस विवाद की शुरुआत 6 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले से हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अहमदिया समुदाय के मुबारक अहमद सानी को रिहा करने का आदेश दिया था। सानी को 7 जनवरी 2023 में गिरफ्तार किया गया था। सानी पर आरोप था कि उसने 2019 में एक कॉलेज में एफसीर-ए-सगीर बांटा था।