पंचायत चुनाव का मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट में, 17 दिसंबर को राज्य सरकार सहित याचिकाकर्ता को एक साथ सुनेगी कोर्ट
राष्ट्र आजकल/ न्यूज़ डेस्क/ मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव का मामला गुरुवार को फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। दरअसल, मामले में बुधवार शाम को नया मोड़ आ गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जबलपुर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की अर्जेंट हियरिंग से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने 3 जनवरी 2022 की तारीख मुकर्रर कर दी थी। इस पर याचिकाकर्ता पुन: सुप्रीम कोर्ट चले गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को 17 दिसंबर को राज्य सरकार के साथ अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।
जबलपुर हाईकोर्ट के तुरंत सुनवाई से इनकार के बाद याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस के सामने आवेदन पेश किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने उनका पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में 17 दिसंबर को राज्य सरकार का पक्ष भी सुनेंगे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले में कोई आदेश जारी होगा।
इन मामलों को लेकर लगी हैं याचिकाएं
पंचायत चुनाव को लेकर अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं। पहले ग्वालियर खंडपीठ में सुनवाई हुई। वहां से प्रकरण मुख्य खंडपीठ जबलपुर भेज गया। जबलपुर में नौ दिसंबर को एक साथ सभी याचिकाओं पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। तब याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में ले गए।
सुप्रीम कोर्ट में 15 दिसंबर को सुनवाई हुई और सभी याचिकाकर्ताओं को जबलपुर मुख्य पीठ में प्रकरण रखने के आदेश जारी हुए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 16 दिसंबर को याचिकाकर्ता जबलपुर हाईकोर्ट पहुंचे और प्रकरण में अविलंब सुनवाई की मांग की। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की खंडपीठ ने अर्जेंट हियरिंग से इनकार करते हुए 3 जनवरी की नई तारीख तय कर दी थी।