राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि, शिवपुरी। फिजिकल थानांतर्गत पीएचई कार्यालय में एक शासकीय कर्मचारी की लापरवाही से बंदूक चल गई। गोली कार्यालय में ही चपरासी के पद पर कार्यरत एक अन्य कर्मचारी को पैर में जा लगी। हादसे में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे इलाज के लिए ग्वालियर रैफर कर दिया गया है। घटना के बाद आरोपित ने खुद थाने में सरेंडर कर दिया। जानकारी के अनुसार विवेकानंद कालोनी निवासी आशीष पुत्र स्व. चंदन सिंह सोलखिया उम्र 26 साल पीएचई हेल्पर के रूप में पदस्थ है और वर्तमान में पीएचई कार्यालय पानी की टंकी फिजिकल पर चपरासी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा है। वहीं आरोपित कर्मचारी चंद्रभान सिंह राजपूत भी कार्यालय में आवक-जावक शाखा में पदस्थ है। बताया जा रहा है कि चंद्रभान सिंह राजपूत मंगलवार को जब कार्यालय में ड्यूटी दे रहा था तभी उसका भतीजा भूपेंद्र वहां अपने लायसेंसी बंदूक लेकर पहुंचा। इसी दौरान कार्यालय में चंद्रभान लापरवाहीपूर्वक उसे बार-बार लोड अनलोड करने में लगा हुआ था चंद्रभान सिंह की लापरवाही के कारण बंदूक की गाेली चली और सीधे आशीष सोलखिया के पैर को चीरती हुई कार्यालय के लोहे के गेट में जा धंसी। घायल आशीष को उपचार के लिए मेडिकल कालेज भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने देहाती नालसी के आधार पर मामला कायम कर विवेचना शुरू कर दी है। घायल युवक को आपरेशन के लिए ग्वालियर रैफर कर दिया गया है। पुलिस ने भूपेंद और चंद्रभान दोनों को कस्टडी में ले लिया है। मरीज को प्राथमिक उपचार प्रदान करने के बाद डाक्टर उसे एक्स-रे के लिए एक्स-रे रूम में ले गए परंतु वहां संबंधित कर्मचारी नहीं होने के कारण उसे वापिस ओपीडी में लाया गया। डाक्टर न होने के कारण एक्स-रे में टाइम लग रहा था इसलिए पुलिस अपनी कानूनी कार्रवाई करने लगी। इसी दौरान फिर से एक डाक्टर आया और बोला कि मरीज को एक्स-रे के लिए ले जाना है। पुलिस ने दो मिनट देने की बात की, परंतु इस पर मरीज के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए तमाम बातें की जाने लगीं और पुलिस की कार्रवाई को फारमल्टी करार दिया गया। पुलिस ने मरीज को ले जाने की अनुमति दे दी लेकिन हास्यास्पद पहलू यह रहा कि मरीज को ले जाने के लिए वहां स्ट्रेचर ही मौजूद नहीं था, बाद में कहीं से ढूंढ कर स्ट्रेचर लाया गया और तब जाकर मरीज को एक्स-रे के लिए ले जाया जा सका।