राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि, इंदौर। सवा सौ करोड़ के फर्जीवाड़े में पुलिस ने आवक-जावक शाखा के कर्मचारी मुरलीधरन को गिरफ्तार किया है। आरोपी ठेकेदार और लिपिक राजकुमार सालवी से मिलकर फर्जी फाइलों की एंट्री दर्शाता था। उधर पुलिस फरार आरोपी मौसम व्यास और इमरान खान की तलाश में जुटी है। डीसीपी जोन-3 पंकज पांडे के मुताबिक राजकुमार सालवी ने पूछताछ में बताया कि लेखा शाखा में फाइलों की आवक जावक होती है। आरोपी मुरलीधरन इन फाइलों पर फर्जी नंबर डालकर आवक दर्शाता था। सोमवार को ही मुरलीधरन और जगदीश चौकसे की सेवा समाप्त की थी।निगमायुक्त द्वारा बनाई गई समिति की जांच रिपोर्ट में घोटाले में इन तीनों की भी संलिप्तता पाई गई है। यह बात भी सामने आई है कि आरोपी फर्जी बिल मार्च में ही पेश करते थे, ताकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने की हड़बड़ी में वे आसानी से फर्जीवाड़े को अंजाम दे सके और इस पर किसी की नजर भी न पड़े। पुलिस चौकसे और विनय की भूमिका की जांच कर रही है। उधर पुलिस ने तीन आरोपी राहुल बढ़ेरा,राजकुमार सालवी और जाकिर की रिमांड बढ़ा ली है। दो आरोपी मौसम व्यास और इमरान खान फरार है। गौरतलब है कि निगमायुक्त द्वारा बनाई गई समिति ने 188 फाइलों की जांच की और इसमें 150 से ज्यादा फाइलों में फर्जीवाड़ा मिला है। फर्जी दस्तावेजों के जरिए करीब 107 करोड़ रुपये के बिल पेश किए गए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें से 81 करोड़ रुपये का भुगतान किया भी जा चुका है। यानी नगर निगम के खाते से बगैर काम ही इतनी बड़ी रकम घोटालेबाजों के खाते में ट्रांसफर हो चुकी है।